100 रुपये के नोट पर भारतीय क्षेत्रों वाला नक्शा छापेगा नेपाल, सरकार का कैबिनेट बैठक में फैसला

4 months ago 122397

नेपाल ने शुक्रवार को 100 रुपये के नए नोट छापने की घोषणा की जिसमें एक मानचित्र होगा और उसमें विवादित स्थल लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।

भारत पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुका है। सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, ”प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।”

उत्तराखंड के ये तीनों क्षेत्र हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। भारत ने जब इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण कराया, तब नेपाल की चीन समर्थक केपी शर्मा ओली सरकार ने आपत्ति जताते हुए इसे नेपाली भूमि बताना शुरू कर दिया था।

नेपाल सरकार ने अपने 100 रुपये के नए नोट पर भारतीय इलाकों लिपुलेख, लपियाधुरा और काला पानी के नक्शों को छापने का फैसला किया है। नेपाल में प्रचंड सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया है कि इन तीनों क्षेत्रों को शामिल कर नेपाली मानचित्र 100 रुपए के नोट पर प्रकाशित किया जाएगा।


क्या बोली नेपाल सरकार की प्रवक्ता

नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि मंत्रिपरिषद ने नोट की पृष्ठभूमि पर छपे नेपाल के पुराने नक्शे के स्थान पर अब नया नक्शा छापने का फैसला लिया है। यह फैसला 25 अप्रैल और 2 मई को हुई कैबिनेट बैठक के बाद लिया गया है। वहीं 18 जून, 2020 को नेपाल ने अपने मानचित्र में लिपुलेख, कालापानी और लपियाधुरा को शामिल करने का फैसला ले लिया था और इसके लिए नेपाली संविधान में भी संशोधन किया गया था।


जानें क्या है पूरा विवाद

गौरतलब उत्तराखंड के इस हिस्से को नेपाल भारत का कृत्रिम रूप से विस्तारित क्षेत्र बताता है। भारत सरकार की ओर से नेपाल के इस कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे नेपाल का विस्तारवादी कदम बताया था। उत्तराखंड के ये तीनों क्षेत्र हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। भारत ने जब इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण कराया, तब नेपाल की चीन समर्थक केपी शर्मा ओली सरकार ने आपत्ति जताते हुए इसे नेपाली भूमि बताना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि भारत और नेपाल 4 राज्यों से लगने वाली 1,850 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा साझा करते हैं।