ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार बनाएगी ये नियम, उपभोक्ताओं को होगा फायदा

4 months ago 58242

अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि फर्जी समीक्षाओं पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने में स्वैच्छिक प्रयास विफल होने के बाद सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए उपभोक्ता समीक्षाओं के लिए गुणवत्ता मानदंडों का पालन करना अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सरकार ने एक साल पहले ई-टेलर्स के लिए नए गुणवत्ता मानदंड जारी किए थे, जिसमें उन्हें पेड रिव्यू प्रकाशित करने से रोक दिया गया था और ऐसी प्रचार सामग्री का खुलासा करने की मांग की गई थी।


प्रोडक्ट्स और सर्विस की नकली रिव्यू अभी भी

खबर के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने कहा कि लेकिन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट्स और सर्विस की नकली समीक्षाएं अभी भी सामने आ रही हैं। खरे ने बताया कि एक वर्ष से अधिक समय हो गया है जब 'ऑनलाइन समीक्षाओं' पर स्वैच्छिक मानक को अधिसूचित किया गया था। कुछ संस्थान इस बात का दावा करती हैं कि वह इसका अनुपालन कर रही हैं। लेकिन यह भी सच है कि नकली रिव्यू अभी भी प्रकाशित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए, अब हम इन मानकों को अनिवार्य बनाना चाहते हैं।


 15 मई को होगी एक मीटिंग

खरे ने कहा कि मंत्रालय ने प्रस्तावित कदम पर चर्चा के लिए 15 मई को ई-कॉमर्स फर्मों और उपभोक्ता संगठनों के साथ एक बैठक निर्धारित की है। मंत्रालय के भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने नवंबर 2022 में ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षा के लिए नया मानक तैयार और जारी किया। आपूर्तिकर्ता या संबंधित तीसरे पक्ष द्वारा उस मकसद के लिए नियोजित व्यक्तियों द्वारा खरीदी और/या लिखी गई समीक्षाओं के प्रकाशन पर रोक लगा दी।


ऑनलाइन रिव्यू पर बहुत भरोसा करते हैं उपभोक्ता

प्रोडक्ट्स का खुद से निरीक्षण करने का कोई मौका नहीं होने के चलते, उपभोक्ता खरीदारी करते समय ऑनलाइन समीक्षाओं पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। भ्रामक रिव्यू और रेटिंग उन्हें गलत जानकारी के आधार पर सामान या सेवाएं खरीदने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। प्रस्तावित कदम भारत के ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र में तेजी की बैकग्राउंड में है। डेलॉइट टौचे तोहमात्सु इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र के 2022 में 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2030 तक 325 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।