जमकर बरसेंगे बादल, 31 मई को मानसून दे रहा दस्तक; फसलों के लिए भी अच्छा संकेत: IMD

4 months ago 71358

मौसम विभाग ने 2024 मॉनसून सत्र में सामान्य से ऊपर मानसूनी बारिश का अनुमान लगाया है। विभाग ने सोमवार को कहा कि देश के बारिश वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक फैले देश के महत्त्वपूर्ण वर्षा आधारित क्षेत्रों में बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की दलहन और तिलहन फसलों के लिए अच्छा संकेत है।

दलहन और तिलहन के साथ मोटे अनाज के बेहतर उत्पादन से घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी और आने वाले महीनों में इससे महंगाई दर कम रखने में मदद मिलेगी।

अपना दूसरा अनुमान जारी करते हुए मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि देश के करीब सभी इलाकों में इस सीजन में ‘सामान्य’ से लेकर ‘सामान्य से ऊपर’ बारिश होने को अनुमान है। उन्होंने कहा कि संभवतः पूर्वोत्तर भारत, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के गंगा के तटवर्ती इलाकों और जम्मू कश्मीर में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में इस मॉनसून सीजन में बारिश ‘सामान्य से कम’, दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 94 प्रतिशत रह सकती है। संभावना के पैमाने पर मौसम विभाग ने कहा कि इस साल सामान्य बारिश की 31 प्रतिशत संभावना, सामान्य से ऊपर बारिश की 32 प्रतिशत संभावना और भारी बारिश की 29 प्रतिशत संभावना है।

दक्षिण पश्चिमी मानसून से इस साल महज 2 प्रतिशत संभावना है कि बहुत कम बारिश हो और 8 प्रतिशत सामान्य से कम बारिश की संभावना है। महापात्र ने कहा कि मानसून अगले 5 दिन में आने संभावना है।

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 31 मई तक केरल के तट पर मानसून पहुंच जाएगा। इस अनुमान में 4 दिन आगे या पीछे आने की त्रुटि की संभावना होती है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में आए चक्रवात रेमल का कोई असर दक्षिण पश्चिमी मानसून की प्रगति पर नहीं पड़ेगा।

महापात्र ने कहा कि जैसा कि अप्रैल में जारी पहले अनुमान में कहा गया था कि ला नीना 2024 की दूसरी छमाही में आ सकता है, जबकि इंडियन ओसन डाइपोल (IOD) पॉजिटिव रहने की संभावना है। दोनों ही स्थितियां भारतीय मानसून के लिए बेहतर हैं।


जमकर बरसेंगे बादल

मौसम विज्ञान विभाग ने देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया लेकिन कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।

मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जून से सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इन चार महीनों के दौरान दीर्घावधि औसत का 106 फीसदी बारिश होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। उनके मुताबिक इन क्षेत्रों में दीर्घावधि औसत का 92 से 108 फीसदी बारिश हो सकती है, जो सामान्य श्रेणी में आती है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है।

उन्होंने कहा कि वर्षा पर आधारित कृषि क्षेत्र में भी बारिश सामान्य से अधिक होने की संभावना है, जिनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और ओडिशा के हिस्से शामिल हैं। अगर बारिश दीर्घावधि औसत का 90 फीसदी से कम होती है, तो उसे कम बारिश माना जाता है।


उत्तर, मध्य व दक्षिण भारत में सामान्य से ऊपर और पूर्वोत्तर भारत में कम होगी बारिश, रेमल का दक्षिण पश्चिमी मानसून की प्रगति पर नहीं होगा कोई विपरीत असर।