सरकार ने औषधि व चिकित्सा उपकरणों के मूल्य संशोधन समिति का विस्तार किया है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार समिति में विभिन्न औद्योगिक निकाय शामिल किए गए हैं। फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने इस समिति का गठन 12 मार्च को किया था।
हालांकि अब इस समिति में औद्योगिक निकाय जैसे भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), ऑर्गनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर ऑफ इंडिया (ओपीपीआई), यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) सहित अन्य शामिल किए गए हैं।
समिति की शर्तों में नैशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग एथॉरिटी (एनपीपीए) के तहत संस्थागत सुधार सहित आवश्यक दवाओं के दामों में संतुलन व उपलब्धता मुहैया कराने के साथ उद्योग को सतत विकास व निर्यात के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है।
ओपीपीआई के महानिदेशक अनिल मताई ने इस समिति में औद्योगिक निकायों को शामिल करने के बारे में टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि औषधि व चिकित्सा उपकरणों के मूल्य की समीक्षा के लिए संतुलित नजरिया अपनाए जाने की जरूरत है। लिहाजा फैसला लेने की प्रक्रिया में विभिन्न रेंज के साझेदारों को शामिल किया गया है।
ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर के कार्यकारी निदेशक व समूह के मुख्य कार्याधिकारी सत्यकी बनर्जी ने बताया, ‘व्यापक साझेदारी की बदौलत समिति अधिक समावेशी मूल्य रणनीति विकसित कर सकेगी जिससे सभी साझेदारों की आवश्यकताओं और चिंताओं का समाधान होगा।’
उद्योग के सूत्रों के मुताबिक समिति चिकित्सा उपकरणों के लिए मूल्य निर्धारण का ढांचा तैयार करने के तरीकों को भी सुझाएगी और चिकित्सा के तकनीकी उद्योग को आयात कम करने के लिए प्रोत्साहन मुहैया करवाएगी।
उन्होंने बताया, ‘इस मिशन के अनुरूप विभाग ने चिकित्सा उपकरणों से जुड़ी एसोसिएशनों जैसे मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमटीएएल) और एसोसिएशन ऑफ मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी) को आमंत्रित किया है।
औषधि व चिकित्सा उपकरणों के मूल्य की समीक्षा के लिए संतुलित नजरिया अपनाए जाने की जरूरत है। लिहाजा फैसला लेने की प्रक्रिया में विभिन्न रेंज के साझेदारों को शामिल किया गया है।