BJP Manifesto 2024 : 70 साल से ज्यादा उम्र के लोग आयुष्मान भारत में किए जाएंगे शामिल, रकम भी हो सकती है दोगुनी

5 months ago 159861

केंद्र सरकार की सितंबर 2018 में शुरू हुई स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) को आगे और विस्तार मिल सकता है। भाजपा ने सत्ता में वापस आने पर इस योजना में 70 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों और ट्रांसजेंडर समुदाय को शामिल करने का वादा किया है।

इस समय PMJAY के दायरे में 34.1 करोड़ नागरिक आते हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलती है।

रविवार को 2024 लोक सभा चुनाव का घोषणापत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा 70 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को आयुष्मान भारत के तहत लाने को संकल्पबद्ध है। इस समय PMJAY के दायरे में 34.1 करोड़ नागरिक आते हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलती है।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हमने आयुष्मान भारत के तहत गरीब परिवारों को गुणवत्ता युक्त मुफ्त इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक मुहैया कराया है। हम आयुष्मान भारत को मजबूत करके और इस तरह की अन्य पहल के माध्यम से मुफ्त चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराना जारी रखेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘हमने एम्स और आयुष्मान आरोग्य मंदिर नेटवर्क का विस्तार करके मध्य वर्ग के परिवारों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई है। हमने जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सब्सिडी युक्त दवा मुहैया कराई है और देश भर में 315 नए मेडिकल कॉलेज खोले हैं। हम इन सेवाओं का विस्तार जारी रखेंगे, जिससे मध्य वर्ग की पहुंच गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवाओं तक बनी रहे।’

NHA के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर इस योजना को लागू किए जाने के बाद 6.5 करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिली है और इस पर 81,979 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

पिछले एक महीने में ही 17 लाख लोगों को इस योजना के तहत अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिन पर कुल 2,314.7 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम आयुष्मान भारत योजना का विस्तार कर इसमें वरिष्ठ नागरिकों को शामिल कर उन्हें मुफ्त एवं गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराएंगे। हम गरिमा गृह का नेटवर्क का विस्तार करके ट्रांसजेंडर की जरूरतों को पूरी करेंगे। हम उनकी देशव्यापी पहचान के लिए परिचय पत्र जारी करेंगे। इसके अलावा सभी पात्र ट्रांसजेंडर लोगों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाएगा।’

वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान दिया जाना अहम है, क्योंकि हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि तुलनात्मक रूप से आज का युवा आने वाले दशकों में तेजी से बुजुर्ग समाज के रूप में तब्दील होगा।

यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) द्वारा इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंस (IIPS) के सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट ‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के मुताबिक’ भारत की कुल आबादी का पांचवां हिस्सा 2050 के बाद 60 साल की उम्र से अधिक वाले लोगो की होगी। हाल के वर्षों में भारत में बुजुर्ग लोगों की आबादी तेजी से बढ़ रही है और आने वाले दशकों में यह स्थिति जारी रहेगी। भारत में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 2022 में 10.5 प्रतिशत है, जो 2050 तक बढ़कर 20.8 प्रतिशत होने की संभावना है। इस शताब्दी के अंत तक बुजुर्गों की आबादी 36 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगी।

देश के 5 राज्यों में 21 अस्पताल चला रही उजाला सिग्नस के चेयरमैन एवं निदेशक प्रबल घोषाल ने कहा कि नए घोषणापत्र में मध्य वर्ग की आबादी को शामिल करने का वादा है, जो स्वास्थ्य बीमा से वंचित रह गए हैं या अभी बीमा के दायरे से छूटे हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘आयुष्मान भारत में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को शामिल किया गया है और शीर्ष स्तर के कमाई वाले लोग निजी बीमा के दायरे में आते हैं। भारत अमेरिका की स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां पूरी आबादी बीमा के दायरे में आती है।’

उद्योग जगत के सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार आयुष्मान भारत के तहत राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। इस मामले से जुड़े उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि अगर भाजपा सरकार सत्ता में आती है तो इसकी घोषणा आगामी बजट में हो सकती है।

उपरोक्त उल्लिखित सूत्र ने कहा कि कुल मिलाकर स्वास्थ्य पर होने वाला सरकार का खर्च इस समय जीडीपी का 1.5 प्रतिशत है और यह बढ़कर3 प्रतिशत तक किए जाने की संभावना है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ इससे सहमत हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति के विशेषज्ञ दिलीप मावलंकर ने कहा कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की ओर बढ़ने और सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की जरूरत है।