हीमोफीलिया की रोकथाम के लिए राज्यों से बातचीत कर रही HHCN

5 months ago 157083

भारत में विश्व के दूसरे सर्वाधिक ‘हीमोफीलिया ए’ (खून के थक्के जमाने वाली प्रोटीन 8 की कमी) के 1,36,000 मरीज हैं।

हीमोफीलिया देखभाल के विशेषज्ञों के पंजीकृत निकाय ‘हीमोफीलिया ऐंड हेल्थ क्लेक्टिव ऑफ नार्थ’ (एचएचसीएन) इस रोग की रोकथाम की मानक प्रक्रिया अपनाने के लिए कई राज्य सरकारों से विचार-विमर्श करेगा।

इस निकाय के अधिकारी ने बताया कि एचएचसीएन भारत में ‘हीमोफीलिया ए’ के मरीजों की मानक प्रक्रिया अपनाने के लिए आवाज उठाएगा। उन्होंने बताया, ‘इन मरीजों को मदद मुहैया कराने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों से बातचीत की जाएगी।’

हीमोफीलिया जेनेटिक विलक्षण खून बहने का रोग है। इस रोग में शरीर से खून निकलने पर उसका थक्का नहीं जम पाता है और चोट या सर्जरी होने की स्थिति में निरंतर रक्त स्राव होता रहता है।

भारत में विश्व के दूसरे सर्वाधिक ‘हीमोफीलिया ए’ (खून के थक्के जमाने वाली प्रोटीन 8 की कमी) के 1,36,000 मरीज हैं।

नोएडा के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीच्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के पेड्रियाटिक हीमोटोलॉजी – ऑन्कोलॉजी की सहायक प्रोफेसर व प्रमुख डॉ. नीता राधाकृष्णन ने बताया कि इन मरीजों के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इन मरीजों को बार-बार खून निकलने के कारण स्कूल या कार्यस्थल से अवकाश लेना पड़ता है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।

अभी हीमोफीलिया के मरीजों के इलाज के लिए सरकार की ओर से मुफ्त फैक्टर इंजेक्शन मुहैया करवाए जाते हैं। मरीजों की बीमारी डायग्नोज होने के बाद ही ये इंजेक्शन दिए जाते हैं। इससे पहले बीमारी की जांच का शुल्क खुद मरीजों को देना पड़ता है। एक मरीज की जांच में कम से कम 1500 रुपये खर्च होते हैं। नई व्यवस्था के तहत मरीजों के फैक्टर की जांच का शुल्क भी सरकार वहन करेगी। पीजीआई के हीमैटॉलजी विभाग के डॉ. दिनेश ने बताया कि एनएचएम ने संस्थान का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। अब बजट जारी होने के बाद रीजेंट खरीदे जाएंगे। इसके बाज मरीजों की मुफ्त जांच हो सकेगी।


पीजीआई से होगी इसकी शुरुआत

पीजीआई हीमोफीलिया का स्टेट नोडल सेंटर है, जबकि यूपी में कुल 26 सेंटर हैं। प्रदेश भर में हीमोफीलिया के कुल करीब सात हजार मरीज रजिस्टर्ड है। अभी पीजीआई के नोडल सेंटर में मुफ्त जांच का प्रस्ताव भेजा गया है। बाद में प्रदेश के सभी केंद्रों में यह सुविधा शुरू की जाएगी।