दक्षिण कोरियाई वाहन विनिर्माता कंपनी हुंदै की भारतीय इकाई हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Limited) ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने के लिए शेयर बाजार नियामक सेबी के पास प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए हैं।
अगर कंपनी के आईपीओ को सेबी की मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम होगा। यह दो साल पहले आए एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को भी पीछे छोड़ देगा।
मसौदा दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ हुंदै मोटर कंपनी द्वारा पूरी तरह से 142,194,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) है। इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा। सूत्रों ने इसी साल फरवरी में पुष्टि की थी कि मूल कंपनी हुंदै मोटर कंपनी आईपीओ के माध्यम से लगभग तीन अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) जुटाना चाहती है। वह धन जुटाने के लिए एचएमआईएल में 15-20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकती है। चूंकि यह सार्वजनिक निर्गम पूर्णतः ओएफएस है, इसलिए हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड को आईपीओ से कोई आय प्राप्त नहीं होगी।
हुंदै मारुति सुजुकी इंडिया के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी है। हुंदै का आईपीओ भारतीय उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
मारुति सुजुकी के वर्ष 2003 में सूचीबद्ध होने के बाद हुंदै प्रारंभिक शेयर बिक्री की पेशकश करने वाली पहली वाहन विनिर्माता कंपनी होगी। इसी सप्ताह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनी ओला इलेक्ट्रिक को आईपीओ लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिली है।
एचएमआईएल ने भारत में 1996 में परिचालन शुरू किया था और वर्तमान में वह विभिन्न खंडों में 13 मॉडल बेचती है।
मसौदा दस्तावेजों के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ हुंदै मोटर कंपनी द्वारा पूरी तरह से 142,194,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) है। इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा