डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के साथ आरबीआई द्वारा भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। देश में यूपीआई यूजर की संख्या में लागतार तेजी देखने को मिली है। यहां तक कि अब कई देशों में भी यूपीआई के जरिये पेमेंट किया जा सकता है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एनपीसीआई ने बैंक ऑफ नाम्बिया के साथ समझौता किया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। एनपीसीआई (NPCI) ने नामीबिया में यूपीआई (UPI) जैसी इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम (Instant Payment) को विकसित करने के लिए बैंक ऑफ नामीबिया (BON) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत में यूपीआई में तेजी देखने को मिली है।
ऐसे में अब एनपीसीआई नामीबिया को अपने फाइनेंशियल इकोसिस्टम को आधुनिक बनाने में मदद करना चाहती है। इसमें घरेलू और इंटरनेशनल पेमेंट नेटवर्क और अंतरसंचालनीयता दोनों के साथ पहुंच, सामर्थ्य और कनेक्टिविटी में सुधार शामिल है।
एक बयान में कहा गया है कि एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने नामीबिया के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) जैसी इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम विकसित करने में सहायता के लिए बैंक ऑफ नामीबिया (BON) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य अफ्रीकी राष्ट्र में डिजिटल पेमेंट सर्विस को को बढ़ाना और वास्तविक समय में पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और मर्चेंट पेमेंट ट्रांजेक्शन (P2M) को बढ़ावा देना है।
इस सहयोग के माध्यम से बीओएन को एनआईपीएल से सर्वोत्तम श्रेणी की तकनीक और अंतर्दृष्टि तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे नामीबिया में अपने नागरिकों के डिजिटल कल्याण के लिए एक समान मंच का निर्माण संभव हो सकेगा।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा
इस तकनीक को सक्षम करने से, देश डिजिटल भुगतान परिदृश्य में संप्रभुता हासिल करेगा और बढ़ी हुई भुगतान अंतरसंचालनीयता और वंचित आबादी के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच से लाभान्वित होगा।