Tata Motors का बड़ा दांव: 2030 तक EV में लगाएगी 8,000 करोड़ रुपये, 6 नए मॉडल लॉन्च करेगी

5 months ago 67980

प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स वित्त वर्ष 2029-30 तक अपने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कारोबार में 16,000 करोड़ रुपये से 18,000 करोड़ रुपये के बीच निवेश करने की सोच रही है। देश में अभी इलेक्ट्रिक कार के चार मॉडल बेच रही कंपनी ने आज बताया कि मार्च 2026 तक छह नए मॉडल उतारने का उसका इरादा है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2030 तक यात्री वाहन बाजार में 20 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। वाहन कंपनियों के संगठन सायम के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में बिके वाहनों की संख्या के हिसाब से देसी यात्री वाहन बाजार में टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी 13.81 फीसदी रही।

टाटा मोटर्स ने निवेशकों के सामने प्रस्तुति में ईवी को यहां मुख्यधारा में लाने की अपनी रणनीति का खुलासा किया। इसमें एक बार चार्ज करने पर अधिक दूरी तय करने वाले कई मॉडल उतारना और उनकी कीमत घटाकर पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर लाना शामिल है।

कंपनी अगले अपने इलेक्ट्रिक कार शोरूम की संख्या अगले 2 साल में बढ़ाकर 50 शहरों तक ले जाने की भी योजना बना रही है। टाटा मोटर्स का लक्ष्य चार्जजोन, ग्लाइडा और स्टैटिक जैसे निजी चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटरों की मदद से देश भर में वित्त वर्ष 2030 तक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट की संख्या 1 लाख कर देना है। अभी देश में करीब 4,300 कम्युनिटी चार्जिंग पॉइंट भी हैं और कंपनी इनकी संख्या भी 2030 तक 1 लाख करने के लिए काम कर रही है। चार्जिंग पॉइंट बढ़ाने से ग्राहकों की यह चिंता कम हो जाएगी कि कितनी दूरी के बाद बैटरी दोबारा चार्ज करनी पड़ेगी। इससे उनके लिए ईवी रखना आसान भी हो जाएगा।

सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट पर कोई भी अपना ईवी चार्ज कर सकता है और यह सार्वजनिक स्थानों पर होता है। कम्युनिटी चार्जिंग पॉइंट किसी खास हाउसिंग सोसाइटी या रिहायशी इलाके में रहने वालों के लिए होते हैं। टाटा मोटर्स ने कहा कि अभी उसके 10-15 फीसदी ईवी ग्राहक ही रूफटॉप सोलर बिजली से अपनी गाड़ी चार्ज कर रहे हैं। कंपनी वित्त वर्ष 2030 तक यह आंकड़ा भी बढ़ाकर करीब 50 फीसदी करना चाहती है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024 में देश में कुल 90,996 इलेक्ट्रिक कार बिकीं, जो साल भर पहले के मुकाबले 91.37 फीसदी ज्यादा रहीं। इसमें भी टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (टीपीईएम) का पूरा दबदबा रहा और पिछले वित्त वर्ष में बिकीं कुल ई-कारों में 70.57 फीसदी उसी की थीं।

टाटा मोटर्स ने निवेशकों से कहा कि उसका ईवी कारोबार वित्त वर्ष 2026 तक ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जहां फायदा नहीं होगा तो नुकसान भी नहीं होगा। ऐसी स्थिति में कारोबार चलाने में होने वाला पूरा खर्च एबिटा के जरिये वापस आ जाता है। यहीं से कारोबार से मुनाफा आना शुरू होता है।

कंपनी ने कहा कि भारतीय कार उद्योग में ईवी की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2030 तक बढ़कर 20 फीसदी हो सकती है। फिलहाल यह हिस्सेदारी 2 फीसदी ही है। कंपनी ने उम्मीद जताई कि उसकी वाहन बिक्री में 30 फीसदी ईवी हो सकते हैं।

टाटा मोटर्स ने कहा कि संख्या के लिहाज से उसके वाहनों की बिक्री कुल यात्री वाहन बाजार की बिक्री के मुकाबले तेजी से बढ़ेगी। यात्री वाहन बाजार में अभी उसकी हिस्सेदारी करीब 14 फीसदी है, जिसे वित्त वर्ष 2027 तक 16 फीसदी करने और उसके बाद 2 से 3 साल में 18 से 20 फीसदी करने का लक्ष्य टाटा मोटर्स ने रखा है।

ईवी कारोबार में भारी निवेश करने वाली टाटा मोटर्स इकलौती कंपनी नहीं है। पिछले महीने महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के बोर्ड ने ईवी कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल में 12,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी थी। कंपनी एकदम नए सिरे से तैयार किए गए ईवी का पहला सेट 2025 की पहली तिमाही में उतारेगी। कंपनी को उम्मीद है कि साल 2027 तक उसकी कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी होगी।

एमजी मोटर इंडिया की मालिक चीन की सेइक मोटर ने भारतीय दिग्गज जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ साझा उपक्रम – जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड- स्थापित करने के लिए इसी मार्च में समझौता किया था। साझे उपक्रम में जेएसडब्ल्यू की 35 फीसदी हिस्सेदारी होगी और यह कंपनी करीब 5,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।

मारुति सुजूकी ने 2023 में घोषणा की थी कि उसका पहला इलेक्ट्रिक वाहन एसयूवी होगा और वित्त वर्ष 2023-24 में उतारा जाएगा। मगर बाद में उसने इसे चालू वित्त वर्ष के लिए टाल दिया। कंपनी वित्त वर्ष 2029-30 तक छह ईवी उतारहे की तैयारी कर रही है। दक्षिण कोरिया की प्रमुख कार निर्माता किया इंडिया भारत के किफायती कार बाजार के लिए 2025 ईवी पेश करने का सोच रही है।


वित्त वर्ष 2030 तक यात्री वाहन बाजार में 20 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य